हिंदू धर्म के सबसे बड़े पर्व में से एक दीपावली है जिसे दिवाली के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से पूरे साल धन और समृद्धि प्राप्त होती है. दिवाली की रात सबसे ज्यादा अंधेरी होती है. ऐसा कहा जाता है कि दिवाली की रात महालक्ष्मी पृथ्वी का भ्रमण करती हैं.
दीपों का त्योहार यानी कि दिवाली जल्द ही आने वाली है और पूरे भारत में इसे बड़े उत्साह से मनाया जाएगा. ये 5 दिन का त्योहार धनतेरस से शुरू होता है और भाई दूज पर खत्म होता है. इस दौरान लोग अपने घरों को रंगबिरंगी लाइटें और दीये से सजाते हैं. त्योहार में माता लक्ष्मी के साथ अन्य देवी-देवताओं की पूजा भी होती है. दिवाली से पहले और बाद में भी कई त्योहार जैसे धनतेरस, रूप चतुर्दशी, गोवर्धन और भाई दूज आदि मनाए जाते हैं. ऐसे में इस खबर में हम आपको सभी त्योहारों की तिथि और शुभ-मुहूर्त बताने वाले हैं.
29 अक्टूबर मंगलवार, धनतेरस
धनतेरस दिवाली का पहला दिन होता है. इस दिन लोग झाड़ू व रसोई के नए बर्तन आदि खरीदते हैं. इस दिन खासतौर से सोना और चांदी खरीदना शुभ माना जाता है. धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6:31 बजे से 8:13 बजे तक रहेगा जो 1 घंटा और 41 मिनट का है. इस दिन भगवान कुबेर और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है.
30 अक्टूबर बुधवार, काली चौदस
दिवाली से पहले देश के कई इलाकों में काली चौदस मनाने का भी रिवाज़ है. इसे नरक चतुर्दशी या रूप चौदस के नाम से भी जाना जाता है. दिवाली से पहले पड़ने वाली चतुर्दशी तिथि के दिन काली की पूजा-अर्चना की जाती है. बता दें कि बुधवार के दिन काली चौदस शुभ मुहूर्त रात्रि 11 बजकर 40 मिनट से 31 अक्टूबर रात्रि 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा.
31 अक्टूबर गुरुवार, छोटी दिवाली
छोटी दिवाली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी. ये दिन भगवान कृष्ण की राक्षस नरकासुर पर विजय का प्रतीक है. इस दिन नरकासुर के नाश की कामना से चार मुंह वाले दीए जलाए जाते हैं. कहा जाता है कि इस दिन भगवान कृष्ण ने पापों के प्रतीक नरकासुर का वध किया था. चतुर्दशी तिथि का मुहूर्त गुरुवार को दोपहर 3:52 बजे खत्म होगा.
1 नवंबर शुक्रवार, दिवाली/लक्ष्मी पूजा हिंदू धर्म के सबसे बड़े पर्व में से एक दीपावली जिसे दिवाली के नाम से भी जाना जाता है. दिवाली हर साल कार्तिक महीने के अमावस्या तिथि को मनाया जाता है. दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व होता है. इस साल दिवाली 1 नवंबर को मनाई जाएगी. लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:36 बजे से 6:16 बजे तक रहेगा जो 41 मिनट का है.
2 नवंबर शनिवार, गोवर्धन पूजा
गोवर्धन पूजा दिवाली के अगले दिन मनाई जाती है. इस पूजा का मुहूर्त सुबह 6:34 बजे से 8:46 बजे तक रहेगा जो 2 घंटे और 12 मिनट का होगा. पौराणिक कथाओं की मानें तो, इस भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत उठाते हुए मथुरा के लोगों को भगवान इंद्र के प्रकोप से बचाया था और उनकी रक्षा की थी. ऐसे में गोवर्धन पूजा शनिवार 2 अक्टूबर को मंगाई जाएगी.
3 नवंबर रविवार, भाई दूज
दिवाली का आखिरी दिन भाई दूज होता है, जो भाई-बहन के स्नेह का प्रतीक है. इस साल भाई दूज रविवार 3 नवम्बर को मनाया जाएगा. आपको बता दें कि इस दिन को यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है. भाई दूज का शुभ मुहूर्त दोपहर 1:10 बजे से 3:22 बजे तक रहेगा, जो 2 घंटे और 12 मिनट का है.